अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "बंदा अपने रब से सबसे अधिक निकट उस समय होता है, जब वह...
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि बंदा अपने रब से सबसे ज़्यादा निकट उस समय होता है, जब वह सजदे में होता है। इसका कारण यह है कि सजद...
इब्ने उमर (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) से वर्णित है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) सुबह-शाम इन वाक्यों के द्वारा दुआ करना नहीं छोड़ते थेः “ऐ अल...
अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- हर सुबह एवं शाम को पूरे शौक़ के साथ इस दुआ को पढ़ते थे और इसे कभी नहीं छोड़ते थे। क्योंकि इसके अंदर कई महत्वप...
आइशा (रज़ियल्लाहु अन्हा) से वर्णित है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने उन्हें यह दुआ सिखाईः “ऐ अल्लाह, मैं तुझसे तत्काल तथा देर से मिलन...
अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने आइशा -रज़ियल्लाहु अनहा- को यह दुआ सिखाई, जिसमें दुनिया एवं आख़िरत की भलाइयाँ माँगी गई हैं, उनकी बुराई से प...
अब्दुल्लाह बिन अम्र बिन आस रज़ियल्लाहु अनहुमा का वर्णन है, उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "ईमान तुम्हारे दिल में...
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि ईमान एक मुसलमान व्यक्ति के दिल में उसी तरह पुराना और कमज़ोर हो जाता है, जिस तरह एक नया कपड़ा लंब...
मुआज़ बिन जबल रज़ियल्लाहु अन्हु से वर्णित है कि : अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनका हाथ पकड़ा और फ़रमाया : "ऐ मुआज़! अल्लाह की क़सम, मैं...
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने मुआज़ बिन जबल रज़ियल्लाहु अनहु का हाथ पकड़ा और उनसे फ़रमाया : अल्लाह की क़सम, मैं तुमसे मोहब्बत रखता हूँ और...
अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "बंदा अपने रब से सबसे अधिक निकट उस समय होता है, जब वह...
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि बंदा अपने रब से सबसे ज़्यादा निकट उस समय होता है, जब वह सजदे में होता है। इसका कारण यह है कि सजद...
इब्ने उमर (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) से वर्णित है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) सुबह-शाम इन वाक्यों के द्वारा दुआ करना नहीं छोड़ते थेः “ऐ अल...
अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- हर सुबह एवं शाम को पूरे शौक़ के साथ इस दुआ को पढ़ते थे और इसे कभी नहीं छोड़ते थे। क्योंकि इसके अंदर कई महत्वप...
आइशा (रज़ियल्लाहु अन्हा) से वर्णित है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने उन्हें यह दुआ सिखाईः “ऐ अल्लाह, मैं तुझसे तत्काल तथा देर से मिलन...
अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने आइशा -रज़ियल्लाहु अनहा- को यह दुआ सिखाई, जिसमें दुनिया एवं आख़िरत की भलाइयाँ माँगी गई हैं, उनकी बुराई से प...
अब्दुल्लाह बिन अम्र बिन आस रज़ियल्लाहु अनहुमा का वर्णन है, उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "ईमान तुम्हारे दिल में...
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि ईमान एक मुसलमान व्यक्ति के दिल में उसी तरह पुराना और कमज़ोर हो जाता है, जिस तरह एक नया कपड़ा लंब...
मुआज़ बिन जबल रज़ियल्लाहु अन्हु से वर्णित है कि : अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनका हाथ पकड़ा और फ़रमाया : "ऐ मुआज़! अल्लाह की क़सम, मैं...
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने मुआज़ बिन जबल रज़ियल्लाहु अनहु का हाथ पकड़ा और उनसे फ़रमाया : अल्लाह की क़सम, मैं तुमसे मोहब्बत रखता हूँ और...
अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "बंदा अपने रब से सबसे अधिक निकट उस समय होता है, जब वह...
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि बंदा अपने रब से सबसे ज़्यादा निकट उस समय होता है, जब वह सजदे में होता है। इसका कारण यह है कि सजद...