अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं : मुझे मेरे दोस्त (नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने तीन चीज़ों की वसीयत की है : हर महीना तीन दिन...
अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु बता रहे हैं कि उनके दोस्त और साथी यानी अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनको तीन बातों की वसीयत की है :
1- हर...
आइशा- रज़ियल्लाहु अन्हा- कहती हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) रमज़ान के अंतिम दस दिनों में ऐतिकाफ़ किया करते थे, यहाँ तक कि अल्लाह ने आ...
आइशा -रज़ियल्लाहु अनहा- बता रही हैं कि नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को जब यह मालूम हो गया की रमज़ान की अंतिम दस रातों में शब-ए-क़द्र (सम्मानित रात्रि...
आइशा- रज़ियल्लाहु अन्हा- कहती हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) रमज़ान में उतना प्रयास करते थे, जितना किसी और महीने में नहीं करते थे तथ...
इस हदीस में आइशा -रज़ियल्लाहु अनहा- रमज़ान महीने में अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- की इबादत का हाल बताते हुए कहती हैं कि आप इस महीने में जि...
आइशा (रज़ियल्लाहु अंहा) कहती हैं कि जब रमज़ान के अंतिम दस दिन आते, तो अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) रातों को जागते, अपने घर के लोगों को जग...
जब रमज़ान महीने के अंतिम दस दिन आते, तो अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- पूरी रात जागकर विभिन्न प्रकार की इबादत करते, अपने घर के लोगों को नमाज...
अबू सईद खुदरी- रजयियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः जो अल्लाह के मार्ग में एक दिन रोज़ा रखेगा, अल्लाह...
इस हदीस में नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने बताया है कि जिसने अल्लाह की राह में (युद्ध करते हुए) एक दिन रोज़ा रखा, अल्लाह प्रतिफल के तौर पर उसके चेह...
अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं : मुझे मेरे दोस्त (नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने तीन चीज़ों की वसीयत की है : हर महीना तीन दिन...
अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु बता रहे हैं कि उनके दोस्त और साथी यानी अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनको तीन बातों की वसीयत की है :
1- हर...
आइशा- रज़ियल्लाहु अन्हा- कहती हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) रमज़ान के अंतिम दस दिनों में ऐतिकाफ़ किया करते थे, यहाँ तक कि अल्लाह ने आ...
आइशा -रज़ियल्लाहु अनहा- बता रही हैं कि नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को जब यह मालूम हो गया की रमज़ान की अंतिम दस रातों में शब-ए-क़द्र (सम्मानित रात्रि...
आइशा- रज़ियल्लाहु अन्हा- कहती हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) रमज़ान में उतना प्रयास करते थे, जितना किसी और महीने में नहीं करते थे तथ...
इस हदीस में आइशा -रज़ियल्लाहु अनहा- रमज़ान महीने में अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- की इबादत का हाल बताते हुए कहती हैं कि आप इस महीने में जि...
आइशा (रज़ियल्लाहु अंहा) कहती हैं कि जब रमज़ान के अंतिम दस दिन आते, तो अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) रातों को जागते, अपने घर के लोगों को जग...
जब रमज़ान महीने के अंतिम दस दिन आते, तो अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- पूरी रात जागकर विभिन्न प्रकार की इबादत करते, अपने घर के लोगों को नमाज...
अबू सईद खुदरी- रजयियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः जो अल्लाह के मार्ग में एक दिन रोज़ा रखेगा, अल्लाह...
इस हदीस में नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने बताया है कि जिसने अल्लाह की राह में (युद्ध करते हुए) एक दिन रोज़ा रखा, अल्लाह प्रतिफल के तौर पर उसके चेह...
अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं : मुझे मेरे दोस्त (नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने तीन चीज़ों की वसीयत की है : हर महीना तीन दिन...
अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु बता रहे हैं कि उनके दोस्त और साथी यानी अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनको तीन बातों की वसीयत की है :
1- हर...