अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ियल्लाहु अनहुमा का वर्णन है, उन्होंने कहा : मैं एक दिन अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पीछे सवार था कि इसी बीच आपन...
अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ियल्लाहु अनहुमा बता रहे हैं कि वह छोटे थे और एक दिन अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पीछे सवारी पर बैठे हुए थे कि आप...
सुफ़यान बिन अब्दुल्लाह सक़फ़ी का वर्णन है, वह कहते हैं : मैंने कहा : ऐ अल्लाह के रसूल! मुझसे इस्लाम के बारे में एक ऐसी बात कहें, जिसके बारे में मुझे क...
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के एक साथी सुफ़यान बिन अब्दुल्लाह ने आपसे आग्रह किया कि आप उनको एक ऐसी बात सिखा दें, जिसके अंदर पूरे इस्लाम का...
नोमान बिन बशीर रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "ईमान वालों का उदाहरण, उनके एक-दूसरे...
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बयान फ़रमाया है कि शुभचिंतन, दया, परस्पर सहयोग, मदद और किसी भी हानि से होने वाले कष्ट की अनुभूति की दृष्टि स...
उसमान बिन अफ़्फ़ान रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "जो अच्छी तरह वज़ू करता है, उसके...
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि जो वज़ू की सुन्नतों और आदाब का ख़्याल रखते हुए वज़ू करता है, तो इसके नतीजे में उसके गुनाह धो दिए...
अबू हुरैरा -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- कहते हैं कि एक व्यक्ति ने नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से पूछा : ऐ अल्लाह के रसूल, हम लोग समुद्र की यात्रा करते...
इस हदीस में अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने समुद्र के पानी के स्वच्छ होने और उससे तहारत (पवित्रता) हासिल करने के जायज़ होने और उसमें मरने...

अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ियल्लाहु अनहुमा का वर्णन है, उन्होंने कहा : मैं एक दिन अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पीछे सवार था कि इसी बीच आपने कहा : "ऐ बच्चे! मैं तुम्हें कुछ बातें सिखाना चाहता हूँ। अल्लाह (के आदेशों और निषेधों) की रक्षा करो, अल्लाह तुम्हारी रक्षा करेगा। अल्लाह (के आदेशों और निषेधों) की रक्षा करो, तुम उसे अपने सामने पाओगे। जब माँगो, तो अल्लाह से माँगो और जब मदद तलब करो, तो अल्लाह से तलब करो। तथा जान लो, यदि पूरी उम्मत तुम्हें कुछ लाभ पहुँचाने के लिए एकत्र हो जाए, तो तुम्हें उससे अधिक लाभ नहीं पहुँचा सकती, जितना अल्लाह ने तुम्हारे लिए लिख दिया है। तथा यदि सब लोग तुम्हारी कुछ हानि करने के लिए एकत्र हो जाएँ, तो उससे अधिक हानि नहीं कर सकते, जितनी अल्लाह ने तुम्हारे भाग्य में लिखा है। क़लम उठा ली गई है और पुस्तकें सूख चुकी हैं।"

सुफ़यान बिन अब्दुल्लाह सक़फ़ी का वर्णन है, वह कहते हैं : मैंने कहा : ऐ अल्लाह के रसूल! मुझसे इस्लाम के बारे में एक ऐसी बात कहें, जिसके बारे में मुझे किसी और से पूछने की ज़रूरत न पड़े। आपने फ़रमाया : "तुम कहो कि मैं अल्लाह पर ईमान लाया और फिर इसपर मज़बूती से क़ायम रहो।"

नोमान बिन बशीर रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "ईमान वालों का उदाहरण, उनके एक-दूसरे से प्रेम, दया और करुणा में, शरीर की तरह है, कि जब उसका कोई अंग कष्ट में होता है, तो पूरा शरीर जागने एवं बुख़ार के कष्ट में उसके साथ होता है।"

उसमान बिन अफ़्फ़ान रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "जो अच्छी तरह वज़ू करता है, उसके जिस्म से पाप निकल जाते हैं, यहाँ तक कि नाख़ून के नीचे से भी निकल जाते हैं।"

अबू हुरैरा -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- कहते हैं कि एक व्यक्ति ने नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से पूछा : ऐ अल्लाह के रसूल, हम लोग समुद्र की यात्रा करते हैं और अपने साथ थोड़ा सा पानी ले जाते हैं। यदि हम उससे वज़ू कर लें, तो प्यासे रह जाएँगे। ऐसे में, क्या हम समुद्र के पानी से वज़ू कर लिया करें? अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “उसका पानी पवित्र है और उसका मुर्दार हलाल है।”

अब्दुल्लाह बिन उमर -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से उस पानी के बारे में पूछा गया, जिसमें चौपाए और दरिंद आते-जाते रहते हों, तो आप -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “जब पानी दो क़ुल्लाह हो, तो वह गंदगी का प्रभाव ग्रहण नहीं करता।”

अबू अय्यूब अंसारी रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : ''जब तुम शौच के लिए जाओ, तो पेशाब तथा पाखाना करते समय न क़िबला की ओर मुँह करो, न उसकी ओर पीठ ही करो; बल्कि पूरब अथवा पश्चिम की ओर मुँह कर लो।'' अबू अय्यूब कहते हैं : जब हम शाम गए, तो देखा कि वहाँ शौचालय काबा की दिशा में बने हुए हैं। सो हम वहाँ तिरछे होकर बैठते और अल्लाह से क्षमा याचना करते।

अबू क़तादा रज़ियल्लाहु अनहु से वर्णित है, उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "तुममें से कोई व्यक्ति पेशाब करते समय अपने लिंग को दाएँ हाथ से न पकड़े तथा दाएँ हाथ से इस्तिंजा (पेशाब-पाखाना से पवित्रता प्राप्त) न करे एवं कुछ पीते समय बरतन में साँस न ले।"

अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- से रिवायत है कि नब -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “जब कोई नींद से जागे, तो वज़ू करे और तीन बार नाक में पानी डाल कर नाक झाड़े, क्योंकि शैतान नाक के ऊपरी भाग में रात गुज़ारता है।”

अनस -रज़ियल्लाहु अन्हु- फ़रमाते हैं : “नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- एक साअ से पाँच मुद तक पानी से स्नान करते और एक मुद पानी से वज़ू करते थे।”

अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "जब तुममें से किसी का वज़ू टूट जाए, तो जब तक वज़ू न कर ले, अल्लाह उसकी नमाज़ ग्रहण नहीं करता।"

जाबिर रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत है, वह कहते हैं कि मुझे उमर बिन ख़त्ताब रज़ियल्लाहु अनहु ने बताया है : एक आदमी ने वज़ू किया और पैर में नाखून के बराबर जगह सूखी छोड़ दी। अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उसे देखा, तो फ़रमाया : “जाओ और अच्छी तरह वज़ू कर लो।” अतः, वह वापस गया और फिर उसने बाद में नमाज़ पढ़ी।