- नापाकी की हालत में नमाज़ ग्रहण नहीं होती, जब तक कि बड़ी नापाकी की अवस्था में स्नान और छोटी नापाकी की अवस्था में वज़ू न कर लिया जाए।
- वज़ू नाम है मुँह में पानी डालकर उसे मुँह के अंदर घुमाने, फिर साँस के साथ नाक में पानी चढ़ाने, फिर उसे निकाल बाहर करने और नाक झाड़ने, फिर चेहरे को तीन बार धोने, फिर दोनों हाथों को कोहनियों सहित तीन बार धोने, फिर पूरे सर का एक बार मसह (अर्थात पानी के साथ स्पर्श) करने और फिर दोनों पैरों को टखनों समेत तीन बार धोने का।