- मस्जिद में बैठने से पहले तहिय्यतुल मस्जिद के तौर पर दो रकात पढ़ना मुसतहब है।
- यह आदेश उस व्यक्ति के लिए है, जो बैठना चाहे। जो व्यक्ति मस्जिद में प्रवेश करे और बैठने से पहले ही निकल जाए, वह इस आदेश के दायरे में नहीं आएगा।
- जब कोई व्यक्ति मस्जिद में प्रवेश करे और उस समय लोग नमाज़ पढ़ रहे हों और वह उनके साथ जमात में शरीक हो गया, तो इन दो रकातों की ज़रूरत नहीं रह जाती।