- जुमे के दिन स्नान करने की प्रेरणा। स्नान नमाज़ के लिए निकलने से पहले किया जाना चाहिए।
- जुमे की नमाज़ के लिए जल्दी जाने की फ़ज़ीलत।
- नेकी के कामों की जानिब जल्दी करने और एक-दूसरे से आगे बढ़ने की प्रेरणा।
- फ़रिश्ते भी जुमे की नमाज़ में मौजूद रहते हैं और जुमे का ख़ुतबा सुनते हैं।
- फ़रिश्ते मस्जिद के द्वारों पर मौजूद रहते हैं और क्रमवार जुमा के लिए आने वालों का नाम दर्ज करते हैं।
- इब्न-ए-रजब कहते हैं : हदीस में आए हुए शब्द "من اغتسل يوم الجمعة، ثم راح" बताते हैं कि जुमे के लिए मुसतहब स्नान का समय फ़ज्र निकलने के बाद शुरू होता है और जुमे की नमाज़ के लिए जाने तक रहता है।