- सप्ताह के तमाम दिनों पर जुमे के दिन की फ़ज़ीलत।
- जुमे के दिन ज़्यादा से ज़्यादा नेकी के काम करने और अल्लाह की दया प्राप्त करने और उसकी सज़ा से बचने की तैयारी की प्रेरणा।
- इस हदीस में जुमे के दिन की जिन विशेषताओं का उल्लेख किया गया है, उनके बारे में कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें बयान करने का उद्देश्य जुमे के दिन की फ़ज़ीलत बयान करना नहीं है। क्योंकि आदम अलैहिस्सलाम को जन्नत से निकालने और क़यामत क़ायम होने को फ़ज़ीलत शुमार नहीं किया जा सकता। जबकि कुछ लोगों का कहना है कि यह सारी विशेषताएँ फ़ज़ीलतों के दायरे में आती हैं। क्योंकि आदम के निकलने के फलस्वरूप उनकी नस्ल सामने आई, जिसमें नबी, रसूल और सदाचारी लोग सभी शामिल हैं। इसी तरह क़यामत क़ायम होने के नतीजे में अल्लाह के नेक बंदों को जल्दी उनके कर्मों का प्रतिफल मिलेगा और उनको अल्लाह की ओर से विभिन्न प्रकार की नेमतें दी जाएँगी।
- इस रिवायत में जिन विशेषताओं का ज़िक्र है, उनके अतिरिक्त जुमे के दिन की और भी विशेषताएँ हैं। जैसे, उसी दिन आदम अलैहिस्सलाम की तौबा क़बूल हुई, उसी दिन उनकी मौत हुई और जुमे के दिन एक क्षण ऐसा आता है कि जो भी मोमिन बंदा उसे नमाज़ की हालत में पाएगा और अल्लाह से कुछ माँगेगा, उसकी मनोकामना ज़रूर पूरी होगी।
- साल का सबसे उत्कृष्ट दिन अरफ़ा का दिन है। जबकि कुछ लोगों ने क़ुर्बानी के दिन को साल का सबसे उत्कृष्ट दिन कहा है। वैसे, साल की सबसे उत्कृष्ट रात क़द्र की रात है और सप्ताह का सबसे उत्कृष्ट दिन जुमे का दिन है।