- अच्छी तरह नमाज़ पढ़ने और उसके स्तंभों को इत्मीनान तथा विनयशलीलता के साथ करने का महत्व।
- रुकू एवं सजदा संपूर्ण रूप से न करने वाले को चोर कहा गया है, ऐसा नफ़रत दिलाने और इसके हराम होने को इंगित करने के लिए है।
- संपूर्ण रूप से तथा पूरे सुकून के साथ रुकू और सजदा करना वाजिब है।