- विनयशील होकर तथा दिल को उपस्थित रखकर नमाज़ पढ़ने का महत्व। साथ ही यह कि शैतान नमाज़ में व्यवधान डालने और संदेह पैदा करने के प्रयास में रहता है।
- जब शैतान नमाज़ के बीच दिल में बुरा ख़्याल डाले, तो उससे अल्लाह की शरण माँगना और बाएँ ओर तीन बार थुत्कारना मुसतहब है।
- सहाबा के पास जब कोई परेशानी आती, तो अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास जाते और उसे आपसे हल करवाते।
- सहाबा के दिल ज़िंदा थे और उनका उद्देश्य आख़िरत था।