- इस बात का बयान कि इस्लाम में नमाज़ का बड़ा महत्व है। इसे अदा करने तथा इसकी क़ज़ा करने में सुस्ती नहीं करनी चाहिए।
- किसी उचित कारण के बिना नमाज़ को उसके समय से टालना ठीक नहीं है।
- नमाज़ की क़ज़ा उसी समय वाजिब है, जब भूलने के कारण नमाज़ छोड़ने वाले को नमाज़ याद आ जाए और सो जाने के कारण नमाज़ छोड़ने वाला व्यक्ति जाग जाए।
- छूटी हुई नमाज़ों की क़ज़ा फ़ौरन वाजिब है, चाहे समय नमाज़ की मनाही का ही क्यों न हो।