- रात के अंतिम भाग में ज़िक्र करने की प्रेरणा।
- ज़िक्र, दुआ और नमाज़ों के समयों की फ़ज़ीलत में कमी-बेशी हुआ करती है।
- मीरक दो हदीसों के दो वाक्यों, "पाक पालनहार अपने बंदे से सबसे ज़्यादा निकट रात के अंतिम तिहाई भाग में हुआ करता है" और "बंदा अपने पाक पालनहार से सबसे ज़्यादा निकट सजदे की अवस्था में हुआ करता है" का अंतर बताते हुए लिखते हैं : पहली हदीस में उद्देश्य यह बयान करना है कि पाक पालनहार अपने बंदे से सबसे निकट कब होता है। इसका उत्तर है, रात का अंतिम भाग। जबकि दूसरी हदीस में उद्देश्य यह बयान करना है कि बंदा अपने पाक पालनहार से सबसे निकट कब हुआ करता है। इसका उत्तर है, सजदे की अवस्था।