- सूरा फ़ातिहा का महत्व कि अल्लाह ने उसे अल-सलात यानी नमाज़ कहा है।
- अपने बंदे पर अल्लाह के अनुग्रह का वर्णन कि अपनी प्रशंसा करने के कारण बंदे की तारीफ़ करता है और उससे इस बात का वादा करता है कि वह उसे वह सब कुछ देगा, जो उसने माँगा।
- इस पवित्र सूरा में अल्लाह की प्रशंसा है, दोबारा उठाए जाने का वर्णन है, अल्लाह से दुआ है, विशुद्ध रूप से उसी की इबादत करने की बात है, सीधा रास्ता दिखाने का आग्रह है और साथ ही इसमें ग़लत रास्तों पर चलने से सावधान किया गया है।
- सूरा फ़ातिहा पढ़ते समय नमाज़ी अगर इस हदीस को अपने मन में रखे, तो नमाज़ में उसकी विनयशीलता बढ़ जाती है।