- बच्चों को वयस्क होने से पहले ही दीनी बातें सिखा दी जाएँ, जिनका एक महत्वपूर्ण अंग नमाज़ है।
- मार अदब के लिए होनी चाहिए। यातना के लिए नहीं। मारते समय बच्चे की स्तिथि को ध्यान में रखा जाए।
- इस्लाम ने मान-सम्मान की रक्षा और उसे ठेस पहुँचाने के सभी रास्तों को बंद करने पर पूरा ध्यान दिया है।