- गुनाहों का कफ़्फ़ारा वही नमाज़ बनती है, जिसके लिए बंदा अच्छी तरह वज़ू करे और उसे पूरी विनयशीलता के साथ अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए अदा करे।
- पाबंदी से इबादत करने की फ़ज़ीलत। इबादत से इन्सान के छोटे गुनाह माफ़ हो जाते हैं।
- अच्छी तरह वज़ू करने तथा अच्छी तरह एवं विनयशील होकर नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत।
- छोटे गुनाहों की क्षमा के लिए बड़े गुनाहों से दूर रहने का महत्व।
- बड़े गुनाहों की क्षमा के लिए तौबा ज़रूरी है।