- गुनाह भी छोटे-बड़े होते हैं, जैसे कि नेकी के कामों में भिन्नता पाई जाती है।
- सबसे बड़ा गुनाह अल्लाह का साझी बनाना, फिर साथ में खाने के भय से संतान की हत्या करना और फिर पड़ोसी की पत्नी के साथ व्यभिचार करना है।
- रोज़ी अल्लाह के हाथ में है और उसने सारी सृष्टियों को रोज़ी देने का काम अपने ज़िम्मे ले रखा है।
- पड़ोसी के अधिकार का महत्व और इस बात का बयान कि पड़ोसी को कष्ट देना अन्य व्यक्ति को कष्ट देने से अधिक बड़ा गुनाह है।
- केवल सृष्टिकर्ता ही इबादत का हक़दार है और इसमें उसका कोई साझी नहीं है।