- ईमान की बहुत-सी श्रेणियाँ हैं, जिनमें से कुछ अन्य से उत्कृष्ट हैं।
- ईमान कथन, कर्म और आस्था का नाम है।
- अल्लाह से हया का तक़ाज़ा यह है कि अल्लाह तुम्हें वहाँ न देखे, जहाँ जाने से उसने मना किया है और उस जगह अनुपस्थित न पाए, जहाँ रहने का उसने आदेश दिया है।
- यहाँ संख्या का उल्लेख सीमित करने के लिए नहीं, बल्कि ईमान के कार्यों की बाहुल्यता को बतलाने के लिए है। क्योंकि अरब के लोग कभी-कभी कोई संख्या बोल देते हैं, लेकिन उनका मतलब यह नहीं होता कि इससे अधिक नहीं हो सकता।