- अली बिन अबू तालिब रज़ियल्लाहु अनहु की फ़ज़ीलत कि लज्जा उनके लिए किसी माध्यम द्वारा पूछने में बाधा नहीं बनी।
- फ़तवा पूछने के लिए किसी को अपना प्रतिनिधि बनाना जायज़ है।
- किसी मसलहत की बिना पर इन्सान वह बातें बता सकता है, जिनको बताने से लज्जा बाधा बनती है।
- मज़ी नापाक है और उसे शरीर एवं कपड़े से धोना वाजिब है।
- मज़ी निकलने से वज़ू टूट जाता है।
- लिंग के साथ अंडकोश को धोना भी ज़रूरी है, क्योंकि इसका उल्लेख एक अन्य हदीस में हुआ है।