- अल्लाह के एकमात्र पूज्य होने की गवाही देने का मतलब है, केवल एक अल्लाह की इबादत करना और दूसरों की इबादत छोड़ देना।
- मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के अल्लाह के रसूल होने की गवाही देने का मतलब है, आप पर तथा आपकी शिक्षाओं पर विश्वास रखना, आपकी पुष्टि करना और आपको इन्सानों की ओर भेजा जाने वाला अंतिम रसूल मानना।
- किसी आलिम तथा संदेह रखने वाले व्यक्ति को संबोधित करना अज्ञान व्यक्ति को संबोधित करने की तरह नहीं है। इसी लिए आपने मुआज़ रज़ियल्लाहु अनहु को सचेत करते हुए कहा : "तुम एक ऐसे समुदाय के पास जा रहे हो, जिसे इससे पहले किताब दी जा चुकी है।"
- मुसलमान के पास अपने धर्म के बारे में जानकारी होनी चाहिए, ताकि संदेह पैदा करने वालों के संदेहों से बच सके। धर्म की जानकारी के लिए ज्ञान अर्जित करना होता है।
- जिस समय अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को नबी बनाया गया, उस समय यहूदियों तथा ईसाइयों का धर्म निरस्त हो चुका था और उनके लिए इस्लाम ग्रहण किए बिना और अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर ईमान लाए बिना क़यामत के दिन मुक्ति का कोई रास्ता नहीं था।