- विवेकी व्यक्ति को शीघ्र ही तौबा कर लेनी चाहिए और अत्याचार के मार्ग पर क़ायम रहते हुए अल्लाह की ढिलाई और पकड़ में बिलंब से निश्चिंत नहीं होना चाहिए।
- अल्लाह अत्याचारियों को फ़ौरन दंड देने की बजाय मोहलत देता है, ताकि उनको तौबा करने का मौक़ा मिल सके और तौबा न करने की स्थिति में उनकी यातना को बढ़ा दिया जाए।
- अत्याचार अल्लाह के दंड देने के कारणों में से एक कारण है।
- जब अल्लाह किसी बस्ती को विनष्ट करता है, तो उसमें कुछ नेक लोग भी हो सकते हैं। ऐसे नेक लोग क़यामत के दिन अपनी नेकी के साथ उठाए जाएँगे और इस बात से उनको कोई नुक़सान हीं होगा कि सबके साथ उनको यातना का सामना करना पड़ा।