- तौहीद (एकेश्वरवाद) की फ़ज़ीलत और इस बात का स्पष्ट उल्लेख कि जो व्यक्ति ईमान की हालत में इस तरह मरेगा कि किसी को अल्लाह का साझी नहीं बनाएगा, वह जन्नत में प्रवेश केरगा।
- शिर्क की भयावहता तथा इस बात का स्पष्ट उल्लेख कि जो व्यक्ति किसी को अल्लाह का साझी बनाते हुए मरेगा, वह जहन्नम में जाएगा।
- अवज्ञाकारी एकेश्वरवादी लोग अल्लाह की इच्छा के अधीन होंगे। अल्लाह अगर चाहेगा, तो उनको अज़ाब देगा और अगर चाहेगा, तो उनको माफ़ कर देगा और फिर उनका ठिकाना जन्नत होगा।