- अल्लाह के निर्णय तथा तक़दीर पर ईमान रखना वाजिब है।
- तक़दीर से मुराद है, सारी चीज़ों के बारे में अल्लाह का ज्ञान, उनका अल्लाह के द्वारा लिखा जाना, इरादा करना और रचना करना।
- इस बात पर ईमान कि सारी तक़दीरें पहले से लिखी हुई हैं, संतुष्टि तथा आत्म समर्पण प्रदान करता है।
- आकाशों एवं धरती की रचना से पहले अल्लाह का अर्श पानी पर था।