- इस हदीस में अविश्वासियों तथा अवज्ञाकारियों से अनुरूपता ग्रहण करने से सावधान किया गया है।
- नेक लोगों की अनुरूपता ग्रहण करने और उनका अनुसरण करने की प्रेरणा।
- ज़ाहिरी (प्रत्यक्ष) अनुरूपता आंतरिक प्रेम का कारण बनती है।
- इन्सान समरूपता तथा उसके प्रकार के अनुसार इस चेतावनी का हक़दार बनेगा।
- विशिष्ट आदतों तथा धर्म के मामले में अविश्वासियों की समरूपता धारण करने की मनाही। अन्य चीज़ों जैसे हुनर सीखने आदि में उनकी समरूपता धारण करना इस चेतावनी के दायरे में नहीं आता।