/ जिसने किसी हिदायत की ओर बुलाया, उसे भी उतना सवाब मिलेगा, जितना उसका अनुसरण करने वालों को मिलेगा। लेकिन इससे उन लोगों के सवाब में कोई कमी नहीं होगी...

जिसने किसी हिदायत की ओर बुलाया, उसे भी उतना सवाब मिलेगा, जितना उसका अनुसरण करने वालों को मिलेगा। लेकिन इससे उन लोगों के सवाब में कोई कमी नहीं होगी...

अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "जिसने किसी हिदायत की ओर बुलाया, उसे भी उतना सवाब मिलेगा, जितना उसका अनुसरण करने वालों को मिलेगा। लेकिन इससे उन लोगों के सवाब में कोई कमी नहीं होगी। तथा जिसने गुमराही की ओर बुलाया, उसे भी उतना गुनाह होगा, जितना गुनाह उसका अनुरण करने वालों को हागा। परन्तु इससे उन लोगों के गुनाह में कोई कमी नहीं होगी।"
इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बताया है कि जिसने अपने कथन एवं कार्य द्वारा लोगों को सत्य एवं भलाई का मार्ग दिखाया, उसे उसके बाद उस मार्ग पर चलने वाले तमाम लोगों के समान प्रतिफल मिलेगा और इससे बाद में चलने वालों के प्रतिफल में कोई कटौती भी नहीं होगी। इसके विपरीत जिसने अपने कथन एवं कार्य द्वारा लोगों को किसी बुराई, गुनाह या हराम कार्य का मार्ग दिखाया, उसे उसके बाद उस मार्ग पर चलने वाले तमाम लोगों के बराबर गुनाह होगा और इससे बाद में उस मार्ग पर चलने वाले लोगों के गुनाह में कोई कटौती भी नहीं होगी।

Hadeeth benefits

  1. अच्छे काम की ओर बुलाने की फ़ज़ीलत, काम चाहे छोटा हो या बड़ा। अच्छे काम की ओर बुलाने वाले को अच्छा काम करने वाले के समान प्रतिफल मिलता है। यह बंदे पर अल्लाह का बहुत बड़ा अनुग्रह एवं दया है।
  2. बुराई की ओर बुलाने की भयावहता। बुराई चाहे छोटी हो या बड़ी। बुराई की ओर बुलाने वाले को बुराई करने वाले के बराबर गुनाह होता है।
  3. इन्सान को प्रतिफल उसी कोटि का मिलता है, जिस कोटि का उसका अमल (कार्य) रहता है। इसलिए जो किसी अच्छे काम की ओर बुलाएगा, उसे अच्छा काम करने वाले के बराबर सवाब मिलेगा और जो किसी बुरे काम की ओर बुलाएगा, उसे बुरा काम करने वाले के बराबर गुनाह होगा।
  4. एक मुसलमान को इस बात से सावधान रहना चाहिए कि उसके लोगों के सामने खुलेआम गुनाह करने की वजह से कहीं दूसरे लोग उसे देखकर वह गुनाह करने न लगें। क्योंकि उसे देखकर वह ग़लत काम करने वाले दूसरे लोगों के गुनाह का बोझ भी उसे उठाना पड़ेगा, चाहे उसने उनको प्रेरित किया हो या न किया हो।