- मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के अल्लाह के नबी होने का एक प्रमाण यह है कि आपने आने वाले समय में घटने वाली कुछ घटनाओं की भविष्यवाणी की और वह घटनाएँ उसी तरह सामने भी आ गईं, जिस तरह आपने भविष्यवाणी की थी।
- ग़लत काम के प्रति सहमति व्यक्त करना और उसमें शरीक होना जायज़ नहीं, बल्कि उसका खंडन ज़रूरी है।
- जब शासक शरीयत विरोधी काम करने लगें, तो इन कामों में उनका अनुसरण जायज़ नहीं है।
- मुस्लिम शासकों के विरुद्ध बग़ावत करना जायज़ नहीं है। क्योंकि इसके नतीजे में फ़साद बरपा होगा, रक्तपात होगा और शांति भंग होगी। इसलिए नाफ़रमान शासकों के निंदनीय व्यवहार को सहना और उनके दुर्व्यवहार पर सब्र करना इससे आसान है।
- नमाज़ बड़े महत्व वाली चीज़ है। नमाज़ ही कुफ़्र एवं इस्लाम के बीच अंतर करने वाली चीज़ है।