- सुन्नत को मज़बूती से पकड़ने और उसका अनुसरण करने का महत्व।
- उपदेश देने और दिलों को नर्म करने पर ध्यान।
- अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के बाद शासन संभालने वाले और सत्य के मार्ग पर चलने वाले ख़लीफ़ागण यानी अबू बक्र सिद्दीक़, उमर फ़ारूक़, उसमान बिन अफ़्फ़ान और अली बिन अबू तालिब रज़ियल्लाहु अनहुम के अनुसरण का आदेश।
- दीन के नाम पर नई चीज़ें अविष्कार करने की मनाही और यह कि दीन के नाम पर सामने आने वाली हर नई चीज़ बिदअत है।
- मुसलमानों का शासन संभालने वाले शासकों की बात सुनना तथा मानना ज़रूरी है, जब तक वे किसी गुनाह के काम का आदेश न दें।
- हर समय और हर हाल में अल्लाह का भय रखने का महत्व।
- इस उम्मत में मतभेद सामने आना है और जब मतभेद सामने आए, तो अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और सत्य के मार्ग पर चलने वाले ख़लीफ़ागण की सुन्नत की ओर लौटना ज़रूरी है।