- तौहीद तथा अक़ीदे को उन तमाम चीज़ों से सुरक्षित रखना, जो उसे दूषित करते हैं।
- झाड़-फूंक करने के शिर्क पर आधारित सारे रूप, तावीज़-गंडे और पति-पत्नी के बीच प्रेम पैदा किए जाने वाले जादूई कार्य हराम हैं।
- इन तीन चीज़ों को साधन समझना छोटा शिर्क है, क्योंकि यह ऐसी चीज़ों को साधन मानना है, जो वास्तव में साधन हैं ही नहीं। लेकिन अगर इन तीन चीज़ों को अपने आपमें लाभाकरी तथा हानिकारक मान लिया जाए, तो यह बड़ा शिर्क है।
- इस हदीस में शिर्क पर आधारित तथा हराम साधनों को अपनाने से सावधान किया गया है।
- झाड़-फूंक करना भी शिर्क तथा हराम होता है। यह अलग बात है कि इसके कुछ जायज़ रूप भी हैं।
- दिल का संबंध केवल अल्लाह से होना चाहिए। वही लाभ तथा हानि का मालिक है। उसका कोई साझी नहीं है। जो भी अच्छी चीज़ मिलती है, उसी के पास से मिलती है और वही बुराई से बचाता है।
- झाड़-फूंक करने का जायज़ रूप वह है, जिसमें तीन शर्तें पाई जाएँ : 1- इस बात का विश्वास रखा जाए कि यह केवल साधन है और अल्लाह की अनुमति के बिना लाभकारी नहीं होता। 2- झाड़-फूंक क़ुरआन, अल्लाह के नामों, गुणों, अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सिखाई हुई दुआओं और जायज़ दुआओं के द्वारा किया जाए। 3- जो शब्द कहे जाएँ, वो समझे जाने वाले हों। उनमें जादू-टोना न हो।