- यह सवाब लगातार तथा अंतराल के साथ दोनों तरह कहने से प्राप्त होगा।
- तसबीह का मलतब है अल्लाह को सभी कमियों से पवित्र कहना और ह़म्द (प्रशंसा) का अर्थ है उसे प्रेम तथा सम्मान के साथ हर प्रकार से संपूर्ण मानना।
- इस हदीस से मुराद छोटे गुनाहों का माफ़ होना है। बड़े गुनाह तौबा के बिना माफ़ नहीं होते।