- दुआ की फ़ज़ीलत तथा यह कि अल्लाह से दुआ करने वाला वास्तव में अल्लाह का सम्मान कर रहा होता है; वह इस बात का इक़रार कर रहा होता है कि अल्लाह धनवान् है, क्योंकि निर्धन से कुछ माँगा नहीं जा सकता; अल्लाह सुनता है, क्योंकि बहरे को पुकारा नहीं जाता; अल्लाह दाता है, क्योंकि कंजूस के सामने हाथ फैलाया नहीं जाता और अल्लाह निकट है, क्योंकि दूर वाला सुनता नहीं है। इस हदीस से अल्लाह के ये तथा इस प्रकार के अन्य गुण साबित होते हैं।