- अधिक से अधिक क़ुरआन तिलावत करने की प्रेरणा।
- क़ुरआन पढ़ने वाले को उसके द्वारा पढ़े गए हर अक्षर के बदले में एक नेकी मिलती है, जिसे दस गुना बढ़ाकर तीस नेकी कर दिया जाता है।
- अल्लाह के विशाल अनुग्रह तथा उसकी दया की एक बानगी यह है कि वह नेकी के कामों का प्रतिफल बढ़ाकर देता है।
- अन्य वाणियों पर क़ुरआन की फ़ज़ीलत और उसकी तिलावत का इबादत होना। ऐसा इसलिए कि क़ुरआन अल्लाह की वाणी है।