/ हम उमर रज़ियल्लाहु अनहु के पास मौजूद थे कि इसी दौरान उन्होंने कहा : "हमें तकल्लुफ़ करने यानी बिना ज़रूरत कष्ट उठाने से मना किया गया है।...

हम उमर रज़ियल्लाहु अनहु के पास मौजूद थे कि इसी दौरान उन्होंने कहा : "हमें तकल्लुफ़ करने यानी बिना ज़रूरत कष्ट उठाने से मना किया गया है।...

अनस रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं : हम उमर रज़ियल्लाहु अनहु के पास मौजूद थे कि इसी दौरान उन्होंने कहा : "हमें तकल्लुफ़ करने यानी बिना ज़रूरत कष्ट उठाने से मना किया गया है।"
इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।

व्याख्या

उमर रज़ियल्लाहु अनहु बता रहे हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनको ऐसा काम करने तथा ऐसी बात कहने से मना किया है, जिसके लिए बिना ज़रूरत मशक़्क़त उठानी पड़े।

Hadeeth benefits

  1. इस हदीस में जिस तकल्लुफ़ से मना किया गया है, उसमें अधिक प्रश्न करना, ऐसा काम करना जिसकी जानकारी न हो तथा किसी ऐसी सख़्ती में पड़ना या डालना भी शामिल है, जिसमें न पड़ने या डालने की अल्लाह ने गुंजाइश दी है।
  2. इन्सान को अपने व्यक्तित्व में उदारता रखना चाहिए और खाने, पीने, बात-चीत और अन्य चीज़ों में अनावश्यक कष्ट उठाने से बचना चाहिए।
  3. इस्लाम एक सरल तथा आसान धर्म है।