- मस्जिद जाकर जमात के साथ पाबंदी से नमाज़ पढ़ने, नमाज़ों की पाबंदी करने और ग़फ़लत न बरतने की फ़ज़ीलत व अहमियत।
- अपनी बात रखने और सहाबा को प्रेरित करने का अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का अद्भुत तरीक़ा कि बात रखते समय सबसे पहले एक बहुत बड़े सवाब के बारे में पूछा। दरअसल शिक्षा देने की यह एक बहुत ही प्रभावी पद्धति है।
- किसी मसले को प्रश्न एवं उत्तर के रूप में प्रस्तुत करने का लाभ यह है कि किसी बात को पहले अस्पष्ट तौर पर रखने और उसके बाद उसे स्पष्ट करने से बात दिल में बैठ जाती है।
- नववी कहते हैं : "यही रबात है" का मतलब यह है कि यही वह रबात है, जिसकी प्रेरणा दी गई है। रबात के असल मायने किसी चीज़ पर रोके रखने के हैं। उल्लिखित प्रकार के इन्सान ने एक तरह खुद को नेकी और बंदगी पर रोक लिया। इस बात की भी गुंजाइश है कि मुराद सबसे उत्तम रबात लिया जाए। कहा जाता है : जिहाद नाम है आत्मा से जिहाद करने का। यानी सबसे उत्तम जिहाद आत्मा से जिहाद करना है। इस बात की भी संभावना है कि यहाँ मुराद उपलब्ध रबात हो। यानी यह भी एक प्रकार का रबात है।
- यहाँ रबात शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार किया गया है और उसपर निश्चितता को इंगित करने वाला "अल" लगा हुआ है, ताकि इन कार्यों के महत्व को सामने लाया जा सके।