- सहाबा ऐसे कार्यों को जानने के इच्छुक रहा करते थे, जो दुनिया और आख़िरत में लाभदायक हों।
- खाना खिलाना और सलाम करना इस्लाम की नज़र में सबसे अच्छे कामों में से दो काम हैं। क्योंकि एक तो यह सवाब के काम हैं और दूसरे इन्सान को हर समय इनकी ज़रूरत रहती है।
- इन दोनों में कार्य में एहसान एवं कथन में एहसान दोनों एकत्र हो जाते हैं, जो कि एहसान का सबसे संपूर्ण रूप है।
- ये वह काम हैं, जिनका संबंध मुसलमानों के आपसी बर्ताव से है। जबकि कुछ कार्य ऐसे भी हैं, जिनका संबंध बंदे के अपने रब के साथ बर्ताव से है।
- सलाम करने में पहल करने की बात मुसलमानों तक सीमित है। काफ़िरों (अधर्मियों) को सलाम करने में पहल नहीं की जाएगी।