- पूरा मुसलमान होने के लिए ज़रूरी है कि किसी को कष्ट न दे। कष्ट भौतिक हो कि नैतिक।
- विशेष रूप से ज़बान एवं हाथ का ज़िक्र इसलिए किया गया है कि मानव शरीर के इन दोनों अंगों से बहुत-से ग़लत काम और बहुत-से लोगों का नुक़सान होता है। ज़्यादातर बुराइयाँ इन्हीं दोनों अंगों से होती हैं।
- गुनाहों से बचने और अल्लाह के आदेशों का पालन करने की प्रेरणा।
- सबसे अच्छा मुसलमान वह है, जो अल्लाह के अधिकार एवं मुसलमानों के अधिकार दोनों अदा करे।
- अत्याचार का संबंध कभी कथन से होता है और कभी कार्य से।
- पूर्ण हिजरत यह है कि इन्सान अल्लाह की हराम की हुई चीज़ें छोड़ दे।