- अल्लाह और आख़िरत के दिन पर ईमान हर भलाई की जड़ है और इससे अच्छे काम करने की प्रेरणा मिलती है।
- इसमें इन्सान को ज़बान की क्लेशों से सावधान किया गया है।
- इस्लाम प्रेम तथा सम्मान का धर्म है।
- ये तीन काम ईमान की शाखाओं और अच्छे शिष्टाचारों में से हैं।
- अधिक बोलना कभी-कभी मकरूह तथा हराम की ओर ले जाता है, इसलिए भलाई केवल उसी समय बोलने में है, जब कोई अच्छी बात करनी हो।