- ऐसी विशुद्ध मोहब्बत की फ़ज़ीलत जो अल्लाह के लिए रखी जाए और उससे कोई सांसारिक हित जुड़ा हुआ न हो।
- जो व्यक्ति किसी से अल्लाह के लिए मोहब्बत रखे, मुसतहब यह है कि वह उसे बता दे, ताकि मोहब्बत और बढ़ जाए।
- ईमान वालों के बीच मोहब्बत का माहौल बनने से ईमानी भाईचारा मज़बूत होगी और समाज बिखराव से सुरक्षित रहेगा।