/ लज्जा ईमान का एक अंश है

लज्जा ईमान का एक अंश है

अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ियल्लाहु अनहुमा का वर्णन है, उन्होंने कहा : अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने एक व्यक्ति को अपने भाई को लज्जा के बारे में समझाते हुए सुना, तो फ़रमाया : "लज्जा ईमान का एक अंश है।”
इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने एक व्यक्ति को अपने भाई को अधिक लज्जा न करने की नसीहत करते हुए सुना, तो उसे बताया लज्जा ईमान का एक अंग है और इस से भला ही होता है। लज्जा एक मानव व्यवहार है, जो सुंदर कार्य करने और गलत कार्य को छोड़ने की प्रेरणा देता है।

Hadeeth benefits

  1. जो स्वभाव अच्छे काम से रोके, उसे लज्जा नहीं, अपितु शर्मीलापन, विवशता, कमज़ोरी और कायरता कहा जाएगा।
  2. लज्जा सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह की ओर से प्राप्त होने वाली एक चीज़ है, जो अल्लाह के आदेशों का पालन करने और उसकी मना की हुई चीज़ों से दूर रहने में सहायक होती है।
  3. लोगों से हया करने का मतलब है, उनको सम्मान तथा उचित स्थान देना और आम तौर पर जो चीज़ें बुरी समझी जाती हैं, उनसे दूर रहना।