- क्रोध के समय संयमित रहने और अपनी अंतरात्मा पर नियंत्रण रखने की फ़ज़ीलत तथा इसका उन अच्छे कार्यों में से एक होना, जिनकी इस्लाम ने प्रेरणा दी है।
- क्रोध के समय अपनी अंतरात्मा से लड़ना दुश्मन से लड़ने से ज़्यादा बड़ा काम है।
- इस्लाम ने शक्ति के प्रति अज्ञानता काल (जाहिलीयत काल) की धारणा को बदलकर एक आदर्श धारणा प्रदान किया है। इस्लाम की नज़र में सबसे शक्तिशाली व्यक्ति वह है, जो अपने ऊपर नियंत्रण रखता हो।
- क्रोध से दूर रहना, क्योंकि यह व्यक्ति तथा समाज दोनों के लिए एक हानिकारक वस्तु है।