- क़ब्रों पर मस्जिद बनाना, उनके पास नमाज़ पढ़ना या मस्जिद के अंदर किसी को दफ़न करना हराम है। क्योंकि इससे शिर्क के द्वार खुलते हैं।
- क़ब्रों पर मस्जिद बनाना और उसमें चित्र लगाना यहूदियों और ईसाइयों का अमल है। जिसने ये काम किए, वह उन्ही के पद्चिह्नों पर चलने वाला है।
- प्राण वाली चीज़ों के चित्र रखना हराम है।
- जिसने क़ब्र पर मस्जिद बनाई और उसमें चित्र लगाया, वह अल्लाह की सबसे बुरी सृष्टियों में शामिल है।
- शरीयत ने इस बात का पूरा प्रबंध किया है कि एकेश्वरवाद की सुरक्षा सुनिश्चित रहे और इसके लिए शिर्क की ओर ले जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया है।
- अल्लाह के सदाचारी बंदों के बारे में अतिशयोक्ति की मनाही, क्योंकि इससे शिर्क के द्वार खुलते हैं।