- सृष्टि पर सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह की दया तथा कृपा।
- वध और ज़बह में एहसान यह है कि दोनों काम शरई तरीक़े से किए जाएँ।
- शरीयत की संपूर्णता और अपने अंदर हर भलाई को समेटे रखना। यही कारण है कि वह जानवरों के साथ भी दया करने का आदेश देता है।
- इन्सान का वध करने के बाद उसके शरीर के अंगों को काटना मना है।
- हर वह काम हराम है, जो जानवर की यातना का कारण बने।