- पीड़ित व्यक्ति का शरई तरीक़े से अदालत में जाकर अपना अधिकार माँगना निंदनीय झगड़े के दायरे में नहीं आता।
- वाद-विवाद और झगड़ा ज़बान की क्लेशों में से एक है, जो मुसलमानों के बीच विभाजन और रिश्तों के खराब होने का कारण बनता है।
- झगड़ा अगर सत्य के लिए किया जाए और उसका तरीक़ा अच्छा हो, तो अच्छी चीज़ है। लेकिन अगर सत्य को नकारने और असत्य को स्थापित करने के लिए किया जाए अथवा बिना किसी प्रमाण के किया जाए, तो निंदनीय है।