- नबियों और अल्लाह के नेक बंदों की क़ब्रों को मस्जिद बनाकर उनके अंदर अल्लाह के लिए नमाज़ पढ़ना मना है, क्योंकि इससे शिर्क के द्वार खुलते हैं।
- एकेश्वरवाद पर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का पूरा ध्यान और क़ब्रों के सम्मान से आपका भय, क्योंकि इससे शिर्क के द्वार खुलते हैं।
- यहूदियों, ईसाइयों तथा उनके पद्चिह्नों पर चलते हुए क़ब्रों पर भवन निर्माण करने और उनको मस्जिद बनाने वाले पर लानत करना जायज़ है।
- क़ब्रों के ऊपर भवन बनाना यहूदियों और ईसाइयों का तौर-तरीक़ा है और हदीस में इससे मना किया गया है।
- क़ब्रों को मस्जिद बनाने का एक रूप उनके पास तथा उनकी ओर मुँह करके नमाज़ पढ़ना भी है, चाहे भवन न भी बनाया जाए।