- रिश्वत देना, लेना, इसके लेने-देने में मध्यस्थ की भूमिका निभाना और इसमें मदद करना हराम है। क्योंकि यह ग़लत कार्य में सहयोग करन है।
- रिश्वत देना और लेना कबीरा गुनाह है, क्योंकि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने रिश्वत देने तथा लेने वाले पर लानत की है।
- न्याय तथा प्रशासन से संबंधित मामलों में रिश्वत लेना और देना अधिक बड़ा अपराध एवं पाप है। क्योंकि यह अत्याचार तथा अल्लाह की उतारी हुई शरीयत से हटकर निर्णय देना है।