- दिल के सुधार तथा उसे हर बुरे गुण से पाक-साफ़ करने पर ध्यान।
- दिल अच्छा होता है निष्ठा से और अमल अच्छा होता है अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के अनुसरण से। अल्लाह के यहाँ यही दोनों चीज़ें देखी जाती हैं और इन्हीं का एतबार है।
- इन्सान को अपने धन, सुंदरता, शरीर और इस दुनिया की किसी भी चीज़ के धोखे में नहीं आना चाहिए।
- इसमें अंतरात्मा के सुधार की बजाय ज़ाहिर की ओर झुकने से सावधान किया गया है।