- अल्लाह की शरीयत को दूसरों तक पहुँचाने की प्रेरणा और इस बात का प्रोत्साहन कि इन्सान को दीन की उन बातों को दूसरों तक पहुँचा देना चाहिए, जिनको उसने याद किया और समझा है, चाहे वह थोड़ी ही क्यों न हों।
- शरई ज्ञान अर्जित करना वाजिब है, ताकि इन्सान अल्लाह की इबादत करने और उसकी शरीयत को दूसरों तक पहुँचाने का काम सही तरीक़े से कर सके।
- किसी हदीस को दूसरे तक पहुँचाने या उसे फैलाने से पहले उसके सही होने की पुष्टि कर लेनी चाहिए, ताकि इन्सान इस चेतावनी के दायरे में न आ जाए।
- आम बातचीत के दौरान सच बोलने और हदीस बयान करते समय सचेत रहने की प्रेरणा, ताकि इन्सान झूठ में पड़ने से बच सके। खास तौर से अल्लाह की शरीयत के बारे में सावधान रहने की अधिक आवश्यकता है।