- लोगों के हाथों में जो धन है, वह अल्लाह का धन है। अल्लाह ने लोगों को इस धन का उत्तराधिकारी बनाया है, ताकि लोग सही तरीक़े से उसका प्रयोग करें और ग़लत प्रयोग से बचें। इसके अंदर शासक तथा जन-साधारण सभी लोग शामिल हैं।
- सार्वजनिक धन के बारे में शरीयत का सख़्त रवैया और इस बात का स्पष्ट उल्लेख कि जिसे सार्वजनिक धन की ज़िम्मेदारी मिले, उसे क़यामत के दिन धन वसूल करने और खर्च करने के बारे में हिसाब देना होगा।
- इस चेतावनी के अंदर धन का ग़ैर-शरई उपयोग करने वाला हर व्यक्ति शामिल है। धन चाहे अपना हो या दूसरे का।